
29 Sept 2022
सोशल मीडिया पर लाइक और ध्यान बटोरने के लिए सेल्फी पोस्ट करते रहने के हम आदि हो चुके हैं. जानिए, इसका दिल पर क्या हो रहा असर?
Published in BWHindi.com
नई दिल्ली: आज बड़े पैमाने पर लोग फिटनेस के प्रति जागरूक हो गए हैं और एक सेल्फी-फ्रेंडली, पिक्चर परफेक्ट छवि दिखाना चाहते हैं. एक परफेक्ट और आकर्षक, फ्लेक्स मसल्स दिखने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं और अब ये लगभग अधिकांशतः लोगों की एक लत बन चुकी है.
सोशल मीडिया पर लाइक बंटोरने की होड़सोशल मीडिया पर लाइक और ध्यान बटोरने के लिए सेल्फी पोस्ट करते रहना और अपने लाइक्स की संख्याओं को गिनाना और फिर एक-दूसरे से बेटर लुक्स की चाह ने हमें दीवाना बना दिया है. इन सबके बीच हम ये भूल ही जाते हैं कि केवल लुक्स और लाइक्स की जरूरत से कहीं ज्यादा बेहतर और वास्तविक रूप में हमारा भीतरी मन कैसा है. हमें उस पर ध्यान देना चाहिए. अगर हमारा भीतरी मन सुंदर हो सके तो बाहर की सुंदरता गौन हो जाती है और यही हमारी प्राकृतिक और असली सुंदरता होती है.
सिक्स पैक पर ध्यानअपने सपनों को साकार करने के लिए और सिर्फ सिक्स पैक हो, ये सब हमें एक–दूसरों को प्रभावित करने की होड़ में शामिल करता है. हम जिम में अपनी शारीरीक क्षमता से बढ़कर, हद से भी आगे निकल जाते हैं. आखिर हमें इस तरह से जिम करने की जरूरत ही क्यों है?
कॉलेज के बच्चों में ज्यादा चस्कास्कूली बच्चे अपनी बोर्ड परीक्षा देने वाली पीढ़ी और जिसने अभी-अभी अपने कॉलेज के जीवन में कदम रखा ही है, वे सुंदरियों को प्रभावित करने के लिए जिम कर रहे हैं, जबकि शरीर को चुस्त, लचीला और स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बहुत अच्छा है. ट्रेडमिल पर कुछ अधिक परिश्रम करना और विभिन्न फिटनेस उपकरणों का उपयोग करना आखिरकार हमारे हृदय पर एक बड़ा प्रभाव डालता है. इसलिए जिम में व्यायाम करते समय आपको ब्राउनी पॉइंट तो जरूर मिल सकते हैं, पर आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप उस प्रदर्शन का हिस्सा न बनें, जहां तीव्र और दबाव में आकर जिम करने की होड़ में जुट जाएं.
दिल हमेशा तनाव में रहता हैकिसी मानसिक दवाब में आकर एक दौड़ता हुआ दिल हमेशा तनाव में रहता है और दबाव, खिंचाव और धक्का से हमारा ह्रदय लगातर दबाव में होता है. हमारे हृदय की एक नपी–तुली लय होती है और इस प्रकरण में हमारे ह्रदय की गति की लय में बाधा पड़ती है और हृदय घात होने के कारकों में से एक मु्ख्य कारण बन जाता है. एक स्थिर लयबद्ध प्रवाह और जीवन की गति हृदय को सुचारू रूप से संचालन में सहयोग करती है. जब एक लय होती है, तब हमारा जीवन सुचारू रूप से चलता है.
हृदय प्रभावित होने का दूसरा कारणएक और मु्ख्य कारण है, जिससे हृदय प्रभावित होता है और वो है- हमारा एक तेज-रफ्तार से जीवन जीना, जिससे हमारा पूरा अस्तित्व संकुचित और प्रतिबंधित होता जा रहा है. इसलिए धीमी और आराम से सांस लेना और गहरी स्वास लेते रहने भर से ये आपको स्वयं के प्रति सचेत बना देती है और गहरी सांस आपके दिल को फिर से जीवंत कर सकती है.
भोजन की भी महत्वपूर्ण भूमिकाहमारे भोजन की भी इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. कुछ खाद्य पदार्थ आपके शरीर को उत्तेजित, परेशान और क्रोधित करते हैं. लगातार भागदौड़ के साथ खराब भोजन के कारण कोशिकीय सूजन स्थिर रहती है. पुल-पुश, नींद की कमी और अत्यधिक व्यायाम या गहन व्यायाम करेंगे, तो दिल निश्चित रूप से तनाव में आ जाएगा और जितनी जल्दी आप सोच सकते हैं उतनी जल्दी गिर सकता है.
अच्छी सेहत के लिए नींद बहुत जरूरीएक अच्छी सेहत के लिए नींद बहुत जरूरी है. एक ध्यानपूर्ण मनःस्थिति में गहरे विश्राम के साथ सोना वास्तव में आपको स्वस्थ कर सकता है. अपने फेफड़ों, पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र और अपने दिमाग को स्वस्थ्य करें. ये सभी कर्म आपके हृदय को स्वस्थ, सामंजस्यपूर्ण और लयबद्ध बनाते हैं
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